फुड एलर्जी की समस्या किसी भी खाद्य पदार्थ से हो सकती है।फुड एलर्जी में इम्यून सिस्टम खाद्य पदार्थ के प्रति रिएक्ट करता है।फूड एलर्जी के इन कारकों का इस्तेमाल वैक्सीन में भी होता है।अंडे से अलर्जी होने पर पीत ज्वर के वैक्सीन से दूर ही रहें।
फुड एलर्जी एक बहुत बड़ी समस्या है जिसमें व्यक्ति को किसी विशेष खाने से सचेत रहने की जरूरत होती है। जिस भी फुड या खाद्य पदार्थ से व्यक्ति को एलर्जी होती है उसकी थोड़ी सी भी मात्रा शरीर के अंदर जाने पर व्यक्ति के लिए काफी घातक सिद्ध हो सकता है। कई बार पैक्ड खाने में या रेस्टोरेंट में एलर्जी होने वाले खाद्य पदार्थ के हारे में मालुम नहीं चलता। इसलिए ऐसे समय में उन खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जो एलर्जी का कारण हो सकते हैं। लेकिन इन सबसे भी जरूरी है कि फुड एलर्जी वाले खाद्य पदार्थ के होने वाले इस्तेमाल के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
न खाने वाली चीजों से भी रहें सतर्क
फुड एलर्जी का मतलब ये नहीं कि आपको उस एक विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जी है तो उस खाद्य पदार्थ या उससे बनी खाने की चीजों से दूर रहें। बल्कि खाद्य पदार्थों से तो दूर रहे ही साथ ही उन सब चीजों से भी दूर रहे जिनके बारे में आपको आशंका हो कि इसमें उस खाद्य पदार्थ के अंश मिले हुए हैं। जैसे की मेडिकेशन्स, कॉस्मेटिक्स और वैक्सीन का उपयोग करने के दौरान उनको बनाने में उपयोग की गई सामग्री के बारे में जान लेना जरूरी है।
वैक्सीन
शहरीकरण के दौर में फुड एलर्जी एक आम समस्या बन गई है। आज 8% बच्चों को और 5% बड़ों में इसकी समस्या पाई जाती है। लेकिन इससे दूर रहकर ही नहीं बचा जा सकता। क्योंकि कुछ बीमारियों के इलाज के लिए जिन वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है उनमें भी खाद्य पदार्थ के कण पाए जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इन वैकसीन के बारे में पूरी तरह से जानकारी ले ली जाए।
गेलाटीन- गेलाटीन का इस्तेमाल खसरा, गलसुआ, रुबेला, टिटनेस, डिप्थीरिया, काली खांसी के साथ जापानी एनसेफेलिटिस के वैक्सीन में गेलाटीन का इस्तेमाल किया जाता है। गेलाटीन जानवरों की खाल गलाकर बनाई गई वस्तु है। जिनको भी गेलाटीन से समस्या है उनको इस बीमारी में उपयोग में लाए जाने वाले वैक्सीन से दूर रहना चाहिए।
अंडे- पीतज्वर या येलो फीवर और इनफ्लुएंजा की वैक्सीन में अंडे का इस्तेमाल प्रोटीन के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को अंडे से एलर्जी होती है उन्हें इन वैक्सीन को लेने में सतर्कता बरतनी चाहिए।
चिकन- चिकन से मिलने वाले प्रोटीन को पीतज्वर के वैक्सीन में इस्तेमाल किया जाता है। इन वैक्सीन को लेने से पहले अपने चिकित्सक या एलर्जी स्पेशलिस्ट से जरूर परामर्श ले लें।
इसक अलावा अगर आप किसी भी वैक्सीन का प्रयोग कर रहे हैं तो इसके प्रयोग से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
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