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मक्का के दाने खाने का फ़ायदा



कार्न को एक बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल फाइटर माना जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है। आइए हम आपको भुट्टे के फायदे के बारे में जानकारी देते हैं।भुट्टा या मक्का सेहत का खजाना है। भुट्टे को पोषण के हिसाब से बेहतरीन माना जाता है। इसकी खासियत यह है कि पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता बढ जाती है। पके हुए भुट्टे में पाया जाने वाला कैरोटीनायड विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है। जो हमारी नजर के लिए काफी फायदेमंद होता है।
भुट्टे को पकाने के बाद उसके 50 प्रतिशत एंटी-ऑक्सीअडेंट्स बढ़ जाते हैं। पके हुए भुट्टे में फेरूलिक एसिड होता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी में लड़ने में बहुत मददगार होता है। मक्के में कैरोटीन होता है जिसके कारण इसका रंग पीला होता है। इसके अलावा भुट्टे में मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।


अनीमिया की बड़ी वहज विटामिन बी12 और फोलिक एसिड की कमी होना है। मक्‍का में दोनों की भरपूर मात्रा तो होती ही है, साथ ही इसमें आयरन भी काफी मात्रा में होता है। आयरन नयी लाल रक्‍त कोशिकाओं के निर्माण में बेहद जरूरी होता है। आयरन की कमी भी अनीमिया का कारण हो सकती है।

कॉर्न को स्टार्च युक्‍त सब्‍जी माना जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी अधिक होती है, जो आपको शार्ट टर्म और लॉन्‍ग टर्म ऊर्जा देता है। इसके साथ ही यह मस्तिष्‍क और नर्वस सिस्‍टम को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। एक कप मक्‍का में 29 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। यह उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होता है, जो अधिक शारीरिक गतिविधियां करते हैं। ऐसे लोगों को अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। और तो और मक्‍का में मौजूद कार्बोहाइड्रेट के पचने की गति धीमी होती है, इसलिए यह आपको ऊर्जा का संतुलित स्‍तर मुहैया कराता है। अधिक ऊर्जा प्राप्‍त करने के लिए व्‍यायाम से एक-दो घंटे पहले मक्‍का का सेवन करना चाहिए।

अधिक वसायुक्‍त आहार से हमारे रक्‍त में बैड कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बढ़ जाता है। इससे हमारे दिल की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है और हमें दिल की बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। स्‍वीट कॉर्न यानी मक्‍का में विटामिन सी, केरोटेनोइड्स और बायोफ्लेवोनॉयड काफी मात्रा में होता है, जो रक्‍त में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा को कम करके रक्‍त प्रवाह को सुचारू बनाता है।

जिन लोगों का वजन कम है, उनके लिए मक्‍का बेहद फायदेमंद होता है। कम वजन वाले लोगों को सही प्रकार से अपना वजन बढ़ाने के लिए अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करना पड़ता है। मक्‍का में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी भी पर्याप्‍त मात्रा में होती है। तो अगर आपका वजन कम है, तो आपका मक्‍का का सेवन जरूर करना चाहिए। याद रखिए एक कप मक्‍का में 130 कैलोरी होती है।

कई शोध इस बात को प्रमाणित कर चुके हैं कि मक्‍का में पाये जाने वाले एंटी-ऑक्‍सीडेंट्स कैंसर से बचाने में मददगार होते हैं। यह कैंसर फैलाने वाले फ्री-रेडिकल्‍स से लड़ते हैं और व्‍यक्ति की सेहत दुरुस्‍त रखने का काम करते हैं। और तो और इसमें मौजूद तत्‍व लिवर और स्‍तन कैंसर में विशेष रूप से उपयोगी होते हैं।

मक्‍का के अन्‍य लाभ
खांसी के मरीजों के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद होता है। भुट्टा जलाकर उसकी राख पीस लीजिए। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लीजिए। हर रोज कम से कम चार बार एक चौथाई चम्मच हल्का गरम पानी के साथ फांक लीजिए। खांसी समाप्त हो जाती है।
बच्चों के विकास के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद माना जाता है। ताजे दूधिया (जो कि पूरी तरह से पका न हो) मक्का के दाने पीसकर एक खाली शीशी में भरकर उसे धूप में रखिए। जब उसका दूध सूख कर उड़ जाए और शीशी में केवल तेल रह जाए तो उसे छान लीजिए। इस तेल को बच्चों के पैरों में मालिश कीजिए। इससे बच्चों का पैर ज्यादा मजबूत होगा और बच्चा जल्दी चलने लगेगा।
इस तेल को पीने से शरीर शक्तिशाली होता है। हर रोज एक चम्मच तेल को चीनी के बने शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है।
ताजा मक्का के भुट्टे को पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी समाप्त हो जाती है।
पथरी निकालने के लिए भी मक्का फायदेमंद है। भुट्टे और जौ को जलाकर राख कर लीजिए। दोनों को अलग-अलग पीस कर अलग-अलग शीशियों में भर लीजिए। एक कप पानी में एक-एक चम्मच मक्का और जौ की राख घोलें फिर छानकर इस पानी को पी लीजिए। इससे पथरी गल जाएगी और पेशाब में जलन नहीं होगी।
टीबी के मरीजों के लिए मक्का बहुत फायदेमंद है। टीबी के मरीजों को हर रोज मक्के की रोटी खाना चाहिए। इससे टीबी के इलाज में फायदा होगा।

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