जी हां, जैसे हम कुत्ता या बिल्ली पालते हैं, ठीक वैसे ही महाराष्ट्र के शेतफल नाम के इस गांव में सांप पाले जाते हैं। और ये कोई आम प्रजाति के सांप नहीं, बल्कि सांपों में सबसे खतरनाक मानी जाने वाली कोबरा प्रजाति के हैं। हैरानी की बात ये कि कोबरा प्रजाति के ये सांप लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
शेतफल गांव में कैसे पालते हैं सांप?
शेतफल गांव में सांपों के रहने की जगह घरों के अंदर ही बनाई जाती है। घर चाहे पक्का हो या कच्चा, सांपों के रहने की जगह बना ही ली जाती है। हालांकि इस गांव में ज्यादातर घर कच्चे हैं लेकिन फिर भी हर घर की छत में आपको छेद ज़रूर मिलेगा क्योंकि इन छेदों में ही सांप रहते हैं। सांपों के रहने के इस स्थान को देव स्थान कहते हैं। देव स्थान का अर्थ है, वो स्थान जहां भगवान आराम करते हैं।
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शेतफल गांव के लोगों में नहीं कोई डर
आम तौर पर सांप देखने पर आप क्या करते हैं? मदद के लिए चिल्लाते हैं, है ना? लेकिन यहां तो एक घर से दूसरे घर में सांप ऐसे घूमते हैं जैसे घर में कोई महमान आया हो। और खास बात ये कि शेतफल गांव के लोग अपने इस महमान से डरते नहीं। इतना ही नहीं, बड़े तो बड़े, यहां के तो बच्चों के मन में भी सांप को लेकर कोई डर नहीं है। यहां तक कि ये सांप बच्चों के स्कूलों में भी घूमते रहते हैं लेकिन बच्चों के लिए तो जैसे ये किसी की दौरे पर आने जैसा है।
शेतफल गांव में आते हैं पर्यटक
इस विचित्र जगह को देखने के लिए देश भर से लोगों का तांता लगा रहता है। ऐसा साल में एक या दो बार नहीं, बल्कि हर दिन होता है। जिन लोगों को रोमांचक चीज़ों की तलाश रहती है उनके लिए एक बार तो ये जगह देखनी बनती है। हालांकि बहुत से लोगों के लिए सांपों के पास जाना काफी मुश्किल होता है लेकिन फिर भी वो इस जगह को अपने रोमांच की सूची में शामिल कर ही लेते हैं।
किस मौसम में जाएं शेतफल गांव
अगर आपको भी रोमांच पसंद है और आप शेतफल गांव को अपनी चैक लिस्ट में शामिल करने वाले हैं तो आपके लिए बरसात के मौसम में यहां आना बहुत फ़ायदेमंद होगा। सांप जैसे जीव शर्मीले होते हैं इसलिए अधिकतर अपने बिल से बाहर नहीं निकलते लेकिन बरसात के मौसम में ठंडक के लिए बाहर निकलने से ये नहीं हिचकिचाते।
कैसे पहुंचे शेतफल गांव?
शेतफल गांव पहुंचने के लिए आपको पुणे से होकर जाना होगा। रोड से जाते हैं तो पुणे से शेतफल गांव की दूरी 200 किलोमीटर है।
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